Monday, December 10, 2018

स्वास्थ्य रहने के लिए जरूरी है योगा

स्वस्तिकासन योग क्या है? योग का अर्थ है जोड़ना. जीवात्मा का परमात्मा से मिल जाना, पूरी तरह से एक हो जाना ही योग है। योगाचार्य महर्षि पतंजली ने सम्पूर्ण योग के रहस्य को अपने योगदर्शन में सूत्रों के रूप में प्रस्तुत किया है. उनके अनुसार, “चित्त को एक जगह स्थापित करना योग है। अष्टांग योग क्या है? हमारे ऋषि मुनियों ने योग के द्वारा शरीर मन और प्राण की शुद्धि तथा परमात्मा की प्राप्ति के लिए आठ प्रकार के साधन बताएँ हैं, जिसे अष्टांग योग कहते हैं.. ये निम्न हैं- 1. यम 2. नियम 3. आसन 4. प्राणायाम 5. प्रात्याहार 6. धारणा 7. ध्यान 8. समाधि इस पोस्ट में हम कुछ आसान और प्राणायाम के बारे में बात करेंगे जिसे आप घर पर बैठकर आसानी से कर सकते हैं और अपने जीवन को निरोगी बना सकते हैं। आसान से क्या तात्पर्य है और उसके प्रकार कौन से हैं? आसान से तात्पर्य शरीर की वह स्थिति है जिसमें आप अपने शरीर और मन को शांत स्थिर और सुख से रख सकें. स्थिरसुखमासनम्: सुखपूर्वक बिना कष्ट के एक ही स्थिति में अधिक से अधिक समय तक बैठने की क्षमता को आसन कहते हैं। योग शास्त्रों के परम्परानुसार चौरासी लाख आसन हैं और ये सभी जीव जंतुओं के नाम पर आधारित हैं। इन आसनों के बारे में कोई नहीं जानता इसलिए चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है. और वर्तमान में बत्तीस आसन ही प्रसिद्ध हैं। आसनों को अभ्यास शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वास्थ्य लाभ एवं उपचार के लिए किया जाता है। आसनों को दो समूहों में बांटा गया है:- * गतिशील आसान * स्थिर आसान गतिशील आसन- वे आसन जिनमे शरीर शक्ति के साथ गतिशील रहता है. स्थिर आसन- वे आसन जिनमे अभ्यास को शरीर में बहुत ही कम या बिना गति के किया जाता है. स्वस्तिकासन / Swastikasana स्वस्तिकासन / Swastikasana  स्थिति:- स्वच्छ कम्बल या कपडे पर पैर फैलाकर बैठें। विधि:- बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने जंघा और पिंडली (calf, घुटने के नीचे का हिस्सा) और के बीच इस प्रकार स्थापित करें की बाएं पैर का तल छिप जाये उसके बाद दाहिने पैर के पंजे और तल को बाएं पैर के नीचे से जांघ और पिंडली के मध्य स्थापित करने से स्वस्तिकासन बन जाता है। ध्यान मुद्रा में बैठें तथा रीढ़ (spine) सीधी कर श्वास खींचकर यथाशक्ति रोकें।इसी प्रक्रिया को पैर बदलकर भी करें। लाभ:- * पैरों का दर्द, पसीना आना दूर होता है। * पैरों का गर्म या ठंडापन दूर होता है.. ध्यान हेतु बढ़िया आसन है।

Friday, November 23, 2018

स्वास्थ्य रहना है तो अपनाएं ये नियम

1. दिनचर्या में थोड़ा-सा व आसान परिवर्तन आपको स्वस्थ व दीर्घायु बना सकता है। बशर्ते आप कुछ चीजों को जीवनभर के लिए अपना लें और कुछ त्याज्य चीजों को हमेशा के लिए दूर कर दें। इसके लिए अपनाइए सरल-सा 20 सूत्री जीवन।
2. प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय पूर्व (5 बजे) उठकर दो या तीन किमी घूमने जाएँ। सूर्य आराधना से दिन का आरंभ करें। इससे एक शक्ति जागृत होगी जो दिल-दिमाग को ताजगी देगी।
3. शरीर को हमेशा सीधा रखें यानी बैठें तो तनकर, चलें तो तनकर, खड़े रहें तो तनकर अर्थात शरीर हमेशा चुस्त रखें।
4. भोजन से ही स्वास्थ्य बनाने का प्रयास करें। इसका सबसे सही तरीका है, भोजन हमेशा खूब चबा-चबाकर आनंदपूर्वक करें ताकि पाचनक्रिया ठीक रहे, इससे कोई भी समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी।
5. मोटापा आने का मुख्य कारण तैलीय व मीठे पदार्थ होते हैं। इससे चर्बी बढ़ती है, शरीर में आलस्य एवं सुस्ती आती है। इन पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
6. गरिष्ठ-भारी भोजन या हजम न होने वाले भोजन का त्याग करें। यदि ऐसा करना भी पड़े तो एक समय उपवास कर उसका संतुलन बनाएँ।
7. वाहन के प्रति मोह कम कर उसका प्रयोग कम करने की आदत डालें। जहाँ तक हो कम दूरी के लिए पैदल जाएँ। इससे मांसपेशियों का व्यायाम होगा, जिससे आप निरोगी रहकर आकर्षक बने रहेंगे, साथ ही पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होंगे।
8. भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में फल-सब्जियों का प्रयोग करें। उनसे आवश्यक तैलीय तत्व प्राप्त करें, शरीर के लिए आवश्यक तेल की पूर्ति प्राकृतिक रूप के पदार्थों से ही प्राप्त करें।
9. दिमाग में सुस्ती नहीं आने दें, कार्य को तत्परता से करने की चाहत रखें।
10. घर के कार्यों को स्वयं करें- यह कार्य अनेक व्यायाम का फल देते हैं।
11. व्यस्तता एक वरदान है, यह दीर्घायु होने की मुफ्त दवा है, स्वयं को व्यस्त रखें।
12. कपड़े अपने व्यक्तित्व के अनुरूप पहनें। थोड़े चुस्त कपड़े पहनें, इससे फुर्ती बनी रहेगी।
13. जीवन चलने का नाम है, गतिशीलता ही जीवन है, यह सदा ही याद रखें।
14. अपने जीवन में लक्ष्य, उद्देश्य और कार्य के प्रति समर्पण का भाव रखें।
15. शरीर की सुंदरता उसकी सफाई में है। इसका विशेष ध्यान रखें।
16. सुबह एवं रात में मंजन अवश्य करें। साथ ही सोने से पूर्व स्नान कर कपड़े बदलकर पहनें। आप ताजगी महसूस करेंगे।
17. शरीर का प्रत्येक अंग-प्रत्यंग रोम छिद्रों के माध्यम से श्वसन करता है। इसीलिए शयन के समय कपड़े महीन, स्वच्छ एवं कम से कम पहनें। सूती वस्त्र अतिउत्तम होते हैं।
18. बालों को हमेशा सँवार कर रखें। अपने बालों में तेल का नियमित उपयोग करें। बाल छोटे, साफ रखें, अनावश्यक बालों को साफ करते रहें।
19. नियमित रूप से अपने आराध्य देव के दर्शन हेतु समय अवश्य निकालें। आप चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों, अपनी धर्म पद्धति के अनुसार ईश्वर की प्रार्थना अवश्य करें।
20. क्रोध के कारण शरीर, मन तथा विचारों की सुंदरता समाप्त हो जाती है। क्रोध के क्षणों में संयम रखकर अपनी शारीरिक ऊर्जा की हानि से बचें।
मन एवं वाणी की चंचलता से अनेक अवसरों पर अपमानित होना पड़ सकता है। अतः वाणी में संयम रखकर दूसरों से स्नेह प्राप्त करें, घृणा नहीं।

1 .पसीने में पानी पीना, छाया में बैठकर अधिक हवा खाना, छाती व सिर में दर्द पैदा करते हैं।

2 .भोजन के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीना, भोजन के बाद ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।

3 .दिनभर बैठक का काम करने वाले व्यक्ति को प्रातः घूमना चाहिए।

4 .जूठा पानी पीने से टीबी, खांसी व दमा आदि बीमारियां पैदा होती हैं।

5 .पेट में पानी हो तो दो गोले नारियल का पानी नित्य सेवन करें।

6 .महिलाओं को विशेषकर अंगूर सेवन ज्यादा करना चाहिए।

7 .दही में बेसन मिलाकर उबटन की तरह मलें, शरीर की बदबू रफूचक्कर हो जाएगी।

8 .सांस फूलने पर दही की कढ़ी में देसी घी डालकर कुछ दिन खाएं।

9 .लू से छुटकारा पाने के लिए मिश्री के शरबत में एक कागजी नीबू निचोड़कर पीएं।

10 .कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।

11 .घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।

दिनचर्या में थोड़ा-सा व आसान परिवर्तन आपको स्वस्थ व दीर्घायु बना सकता है। बशर्ते आप कुछ चीजों को जीवनभर के लिए अपना लें और कुछ त्याज्य चीजों को हमेशा के लिए दूर कर दें। इसके लिए अपनाइए सरल-सा 20 सूत्री जीवन।
1.प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय पूर्व (5 बजे) उठकर दो या तीन किमी घूमने जाएँ। सूर्य आराधना से दिन का आरंभ करें। इससे एक शक्ति जागृत होगी जो दिल-दिमाग को ताजगी देगी।
2.शरीर को हमेशा सीधा रखें यानी बैठें तो तनकर, चलें तो तनकर, खड़े रहें तो तनकर अर्थात शरीर हमेशा चुस्त रखें।
3.भोजन से ही स्वास्थ्य बनाने का प्रयास करें। इसका सबसे सही तरीका है, भोजन हमेशा खूब चबा-चबाकर आनंदपूर्वक करें ताकि पाचनक्रिया ठीक रहे, इससे कोई भी समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी।
4.मोटापा आने का मुख्य कारण तैलीय व मीठे पदार्थ होते हैं। इससे चर्बी बढ़ती है, शरीर में आलस्य एवं सुस्ती आती है। इन पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
5.गरिष्ठ-भारी भोजन या हजम न होने वाले भोजन का त्याग करें। यदि ऐसा करना भी पड़े तो एक समय उपवास कर उसका संतुलन बनाएँ।
6.वाहन के प्रति मोह कम कर उसका प्रयोग कम करने की आदत डालें। जहाँ तक हो कम दूरी के लिए पैदल जाएँ। इससे मांसपेशियों का व्यायाम होगा, जिससे आप निरोगी रहकर आकर्षक बने रहेंगे, साथ ही पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होंगे।
7.भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में फल-सब्जियों का प्रयोग करें। उनसे आवश्यक तैलीय तत्व प्राप्त करें, शरीर के लिए आवश्यक तेल की पूर्ति प्राकृतिक रूप के पदार्थों से ही प्राप्त करें।
8.दिमाग में सुस्ती नहीं आने दें, कार्य को तत्परता से करने की चाहत रखें।
9.घर के कार्यों को स्वयं करें- यह कार्य अनेक व्यायाम का फल देते हैं।
10.व्यस्तता एक वरदान है, यह दीर्घायु होने की मुफ्त दवा है, स्वयं को व्यस्त रखें।
11.कपड़े अपने व्यक्तित्व के अनुरूप पहनें। थोड़े चुस्त कपड़े पहनें, इससे फुर्ती बनी रहेगी।
12.जीवन चलने का नाम है, गतिशीलता ही जीवन है, यह सदा ही याद रखें।
13.अपने जीवन में लक्ष्य, उद्देश्य और कार्य के प्रति समर्पण का भाव रखें।
14.शरीर की सुंदरता उसकी सफाई में है। इसका विशेष ध्यान रखें।
15.सुबह एवं रात में मंजन अवश्य करें। साथ ही सोने से पूर्व स्नान कर कपड़े बदलकर पहनें। आप ताजगी महसूस करेंगे।
16.शरीर का प्रत्येक अंग-प्रत्यंग रोम छिद्रों के माध्यम से श्वसन करता है। इसीलिए शयन के समय कपड़े महीन, स्वच्छ एवं कम से कम पहनें। सूती वस्त्र अतिउत्तम होते हैं।
17.बालों को हमेशा सँवार कर रखें। अपने बालों में तेल का नियमित उपयोग करें। बाल छोटे, साफ रखें, अनावश्यक बालों को साफ करते रहें।
18.नियमित रूप से अपने आराध्य देव के दर्शन हेतु समय अवश्य निकालें। आप चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों, अपनी धर्म पद्धति के अनुसार ईश्वर की प्रार्थना अवश्य करें।
19.क्रोध के कारण शरीर, मन तथा विचारों की सुंदरता समाप्त हो जाती है। क्रोध के क्षणों में संयम रखकर अपनी शारीरिक ऊर्जा की हानि से बचें।
20.मन एवं वाणी की चंचलता से अनेक अवसरों पर अपमानित होना पड़ सकता है। अतः वाणी में संयम रखकर दूसरों से स्नेह प्राप्त करें, घृणा नहीं।

नए साल में सभी कुछ न कुछ बेहतर करने और पाने के लिए शपथ ले चुके होंगे, लेकिन स्वास्थ्य आपकी उन सभी प्रतिज्ञाओं के पूरा होने में आड़े न आए, इसके लिए आपको नए साल में उचित आहार और सही व्यायाम अपनाना होगा।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ट्रेसी एंडरसन ने आने वाले वर्ष में स्वस्थ रहने के लिए कुछ ऐसी ही शानदार तरकीबें बताई हैं :-

वांछित स्वास्थ्य हासिल करने के प्रति ईमानदारी बरतें: आपको सबसे पहले ईमानदारी से चिह्न्ति करना होगा कि आप कैसा स्वास्थ्य चाहते हैं और आपका मौजूदा स्वास्थ्य उस दिशा में कहां है। इसके बाद आपको निर्धारित स्वास्थ्य प्रदान करने वाले व्यायामों को अपनाना होगा।

हफ्ते में पांच से सात दिन व्यायाम करें: अगर आप किसी भी एक दिन व्यायाम नहीं करते हैं, तो आप जस के तस रहेंगे और वजन बढ़ता रहेगा। हमें अपने शरीर की देखभाल करने का आदी होने की जरूरत है।

हम हर दिन अपने दांतों की देखभाल में पांच मिनट का समय देते हैं और दांत हमारे शरीर के बाकी हिस्से की तुलना में बहुत छोटे हैं। इसलिए अगर दांत पांच मिनट लेते हैं तो पूरे शरीर को 30 से 60 मिनट तो देना ही चाहिए।

उचित आहार और व्यायाम साथ-साथ अपनाएं: अगर आपको अपना वजन कम करना है तो आपको व्यायाम के लिए खुद को प्रशिक्षित करना होगा, साथ ही उचित आहार भी अपनाना होगा। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो से बचें और प्राकृतिक खाद्य पदार्थो का सेवन करें।

व्यायाम के लिए अपने पसंददीदा गानों की सूची तैयार करें: गाने सुनना सभी को पसंद है और सभी के अपने-अपने पसंददीदा गीत भी होते हैं। व्यायाम करते वक्त ये गाने आपके लिए बेहद मददगार साबित हो सकते हैं, इसलिए अपने पसंददीदा गीतों की सूची तैयार करें और उन्हें सुनते हुए व्यायाम करें।

पसीने में पानी पीना, छाया में बैठकर अधिक हवा खाना, छाती व सिर में दर्द पैदा करते हैं।

* भोजन के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीना, भोजन के बाद ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।

* दिनभर बैठक का काम करने वाले व्यक्ति को प्रातः घूमना चाहिए।

* जूठा पानी पीने से टीबी, खांसी व दमा आदि बीमारियां पैदा होती हैं।

* पेट में पानी हो तो दो गोले नारियल का पानी नित्य सेवन करें।

* महिलाओं को विशेषकर अंगूर सेवन ज्यादा करना चाहिए।

* दही में बेसन मिलाकर उबटन की तरह मलें, शरीर की बदबू रफूचक्कर हो जाएगी।

* सांस फूलने पर दही की कढ़ी में देसी घी डालकर कुछ दिन खाएं।

* लू से छुटकारा पाने के लिए मिश्री के शरबत में एक कागजी नीबू निचोड़कर पीएं।

* कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।

* घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।

अगर आपके बाल ड्राई हैं, तो हफ्ते में एक बार बालों पर गर्म तेल की मसाज व भाप दें। गर्म तेल बालों को ड्राई होने से रोकेगा और उन्हें मुलायम बनाएगा।

मेहंदी को कलर आने तक ही बालों पर लगाकर रखें और फिर तुरंत धो दें। मेहंदी जितनी देर बालों में लगी रहती है, उतनी देर बालों की नमी सोखती है।

ड्राई बालों पर ब्राशिंग स्कैल्प पर दबाकर करने से तैलीय ग्रंथियां सक्रिय होती है, जिससे बालों की ड्राईनेस कम होती है।

गाजर के जूस में शहद व नमक डालकर पीने से आंखों की कम हुई रोशनी लौट आती है।

किडनी स्टोन से दूर रहने के लिए नियमित तौर पर तरबूज ड्रिंक का सेवन करें।

चुकंदर में आयर्न की मात्रा अधिक होती है। इसके नियमित सेवन से चेहरे पर ग्लो आता है।

दिल के रोगियों के लिए करेला ड्रिंक बेहद फायदेमंद है। यह ब्लड को स्वच्छ बनाए रखता है।

फलों का रस ,अधिक घी तेल की चीजें,अधिक खट्टी ,(मट्टा रात में नहीं पीना  खाना चाहिये)

घी,तेलकी चीजें खाने के तुरंत बाद पानी नहीीं पीना चाहिये बल्कि एक डेढ़ घंटे बाद पीना चाहिये

भोजन के तुरंत बाद अधिक तेज चलना,दौड़ना नहीं चाहिये कुछ देर बाद आराम करने के बाद ही टहलने जायें

तेज धूप में चलने के बाद ,शारीरिक श्रम करने के बाद,शौच के तुरंत बाद,पानी नहीं पीना चाहिये

ठंड के दिनों में भी सर पर कपड़ा बांध कर,पैरों में मोजे पहनकर नहीं सोना चाहिये

अत्याधिक तेज या कम रोशनी में पढ़ना या टी.वी. या सिनेमा देखना नहीं चाहिये

अत्याधिक गर्म,ठंडी,मिर्च मसाला के प्रयोग से बचना चाहिये

तेज धूप में निकलते समय सर पर टोपी,या कपड़ा तथा आंखों पर चश्मा अवश्य लगाना चाहिये
आग या किसी गर्म चीज से जल जाने पर ठंडा पानी पहले डालें

नोट-इनमें से खाने पीने की चीजों में दसवां हिस्सा का भी  ख्याल रखेंगे तो कभी बीमार नहीं पड़ेगे।दीर्घायु तथा निरोगी रहेंगें।



हमारे जीवन में यह जानकारी रखना बहुत जरूरी है कि कौन-कौन से भोजन का मेल सही है या कौन-कौन से गलत। आयुर्वेद में भी भोजन के मेल पर बहुत सारी बातें बताई गई हैं। इसमें कई पदार्थ एक दूसरे से मिलकर जहर के सामान हो जाते हैं जैसे शहद और घी बराबर खाने से जहर बन जाता है।

भोजन के अलग-अलग तत्वों को पचाने के लिए अलग अलग पाचक रसों की जरूरत पड़ती है। श्वेतसार की पाचनक्रिया क्षार रस से होती है जबकि प्रोटीन को अम्ल पचाता है। अगर दोनों प्रकार के भोजन साथ साथ खाये जायेंगे तो दोनों के पाचक रस साथ साथ बनेंगे। इस तरह अम्ल रस और क्षार रस मिलकर प्रभावहीन हो जाते हैं जिससे प्रोटीन सड़नें शुरू हो जाते हैं। जिससे पाचनक्रिया काम नहीं करती है।

इसी प्रकार एक ही समय में कई वस्तुएं सब्जी, फल, अचार, दही, खीर, मिठाई, पापड़, आदि एक साथ खाने से रासायनिक क्रिया शुरू हो जाती है और पाचन तंत्र खराब हो जाता है।

एक समय में एक ही प्रकार का खाना खाना उचित आहार है। यह सही है मिश्रित भोजन गलत कदम है। एक टाईम में कम से कम खानों के मिश्रण को आसानी से पचाया जा सकता है।

भोजन में एक समय फल और एक समय सलाद लेना चाहिए। इसे एकाहार भी कहते हैं।

अनुचित मेल-

दूध और दही के साथ केला।
दूध या दही के साथ मूली।
दूध के साथ दही।
शहद के साथ गर्म जल व और कोई गर्म पदार्थ।
शहद और मूली।
खिचड़ी और खीर।
दूध के साथ खरबूजा, खीरा, ककड़ी।
दही, पनीर।
फलों के साथ सब्जियां।
रात में मूली या दही।
गर्म दही।
कांसे के बर्तन में दस दिन तक रखा हुआ घी।
दाल के साथ शकरकन्द, आलू, कचालू।
दाल और चावल या दाल और रोटी।
दूध या दही के साथ रोटी।
जानकारी-

जिन्हें रोटी और चावल के साथ दाल खानी हों उन्हें अच्छी मात्रा में सब्जी का भी सेवन करना चाहिए।

उचित मेल-

आम और गाय का दूध।
दूध और खजूर।
चावल और नारियल की गिरी।
दाल और दही।
अमरूद के साथ सौंफ।
बथुआ और दही का रायता।
गाजर और मेथी का साग।
दही और आंवला चूर्ण।
श्वेतसार के साथ साग सब्जी।
मेवे के साथ खट्टे फल।
दाल और सब्जी।
सब्जी व चावल की खिचड़ी।
रोटी के साथ हरे पत्ते वाली सब्जी।
अंकुरित दालें और कच्चा नारियल।




































हमेशा जवान रहने के लिए करें ये उपाय


हमेशा जवान रहना हर इंसान चाहता है, लेकिन इसके लिए कोशिश बहुत कम लोग करते हैं। दरअसल, हमेशा जवान बने रहना चाहे सबका ख्वाब हो पर इस सपने को साकार करने के लिए आयुर्वेद के अनुसार जिन नियमों का पालन करना होता है उन्हें कम ही लोग जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन्हीं नियमों के बारे में जिनका पालन कर हमारे ऋषि-मुनि हमेशा स्वस्थ और जवां बने रहते थे।
एक जादूगरनी की कहानी से हम सभी परिचित हैं, वह जवान बने रहने के लिए दूसरों की जवानी चुरा लेती थी। हम सभी चाहते हैं हमेशा तरोताजा और जवान रहना, लेकिन इसके लिए जादूगरनी की तरह किसी की जवानी चुराने की जरूरत नहीं हैं। कहने का मतलब साफ है कि आप पर भी एक उम्र के बाद बुढ़ापा हावि होने लगेगा। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि यह बुढ़ापा कुछ देर से आए, आपके चेहरे और शरीर की ताजगी कुछ ज्यादा दिनों तक मेंटेन रहे तो समय रहते आपको सावधानी बरतनी शुरू कर देनी चाहिए।
दरअसल सही खानपान और कुछ खास चीजों से आप भी पा सकते हैं सदाबहार जवानी। इसके लिए आप कुछ नेचरल फूड्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करना पड़ेगा। तो आइए पहले आपको ऐसे ही कुछ खाने-पीने की चीज़ों के बारे मैं बताते हैं...

► मखनफल (एवोकैडो)
मूल रूप से अमेरिकी महाद्वीप से आया यह फल भारत में मखनफल के नाम से मिलता है। इस फल में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है। एवोकैडो में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो त्वचा की सुरक्षा करती है। एवोकैडो आपकी त्वचा की कोशिकाओं को दोबारा बनने में मदद करता है और इससे आपकी त्वचा को जवां और ताजा लुक मिलता है।

► ज्यादा पानी पीयें
त्वचा की झुर्रियां बुढापे का प्रमुख लक्षण होता है। दिन भर में ४ लीटर पानी पीना इसका कारगर उपचार है। अधिक पानी पीने से शरीर के अन्य कई रोग दूर होते हैं।

► तनाव से बचें
क्रोध करने और मानसिक चिंता से समय से पहिले ही त्वचा पर झुर्रिया आने लगती हैं। दिमागी तनाव से हमारे शरीर में एक रासायनिक प्रक्रिया उत्पन्न होती है जिससे कोर्टिसोल उत्पन्न होता है जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है।

  
►  धूम्रपान न करें
बीडी,सिगरेट पीने वालों की त्वचा पर सिलवटें बुढापा आने से पहिले ही दिखाई देने लगती हैं। धूम्र पान से शरीर में ऐसे एन्जाईम्स उत्पन्न होते हैं जो झुर्रियों के लिये जिम्मेदार माने गये हैं। जेतुन के तैल में नींबू का रस मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से चेहरे की त्वचा की झुर्रियां नियंत्रित होती हैं। चेहरे पर चमक लाने का यह अच्छा उपाय है।

इस विटामिन के सेवन करने से त्वचा की झुर्रियों का निवारण होता है। इसके अछ्छे स्रोत हैं - आंवला,संतरा,पपीता,नींबू,टमाटर,फ़ूल गोभी,हरी मिर्च,आम,तरबूज,पाईनेपल । इन चीजों का भरपूर इस्तेमाल करने से शरीर् पर बुढापे की छाप आसानी से नहीं लग पाएगी।

► मछली का तेल
थोड़ी सी कसरत और मछली के तेल के नियमित सेवन से मांसपेशियों में नई ताकत लाकर बुढापे की आमद को धीमा किया जा सकता है। हाल के एक परीक्षण से पता चला है कि 65 साल से अधिक आयु की जिन महिलाओं ने हलकी कसरत के साथ मछली के तेल का सेवन किया उनकी मांसपेशियों की ताकत जैतून के तेल का सेवन करने वाली महिलाओं से दुगुनी बढी।

► ओमेगा फ़ेट्टी एसीड
अलसी में ओमेगा फ़ेट्टी एसीड प्रचुरता से पाया जाता है। मछली न खाने वालों के लिये यह बेहतरीन विकल्प है। अलसी के बीज लेकर मिक्सर या ग्राईंडर में चलाकर दर दरा चूर्ण बनालें। थोड़ा चूर्ण पानी के साथ रोज सुबह सेवन करें। लंबे समय तक जवान बने रहने का यह बहुत आसान उपाय है।

►  तांबे के बर्तन से पियें पानी
रोजाना रात को अपने सिरहाने एक तांबे के लोटे या तांबे के किसी दूसरे बर्तन में पानी भरकर जरूर रखें। सुबह जब नींद खुले तो सबसे पहले तांबे के लोटे या ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीएं। ऐसा करने से पेट साफ रहता है। गैस व एसिडिटी की शिकायत नहीं होती है साथ ही स्किन भी ग्लो करने लगती है।

►  खाने के समय ना पियें पानी
खाना् -खाने से एक घंटा पहले व एक घंटे बाद पानी न पीएं। भोजन के साथ-साथ पानी पीने की आदत छोड़ दें। भोजन से तुरंत पहले या तुरंत बाद में पानी पीने की आदत शरीर के लिए अच्छी नहीं होती है। ऐसा करने से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है इसीलिए हमेशा यंग दिखने के लिए दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी जरुर पीएं व खाने के एक घंटा पहले व एक घंटा बाद पानी पीने से बचें।

अगर आपको शुगर है , तो उसे एक्सरसाइज और डाइट से कंट्रोल करके चलें। अगर शुगर का बैलेंस नहीं रह पाता है , तो इसका सीधा असर आपकी उम्र पर पड़ता है।

►  नींद हो पूरी
कितने घंटे सोया जाए , यह हर इंसान के लिए अलग हो सकता है। लेकिन 6 से 8 घंटे की नींद सबके लिए जरूरी है। लेकिन दिनभर खर्राटे भरना भी ठीक नहीं है। क्योंकि रिसर्च के बाद यह भी साबित हो गया कि ज्यादा सोने से उम्र घटती है।

► राजमा
राजमा से तो सभी परिचित हैं इसमें फाइबर्स और पोटैशियम से भरपूर होता है। इससे कोलेस्ट्रोल लेवल कम होता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही राजमा में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है।

 
►  मेंटल एक्सरसाइज
आपको यंग बनाए रखने में मेंटल कंडिशन का रोल अहम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सारा दिन क्रॉसवर्ड और पजल्स में उलझें रहें। न्यूरोसाइंटिस्ट और कॉग्निटिव एजिंग स्पेशलिस्ट डॉ . एडम गैजली का कहना है कि 60 की उम्र के बाद भी अगर आप ट्रैवलिंग और नई लैंग्वेज सीखने को इंजॉय करते हैं, तो मेंटली फिट रहते हैं।

► ऑलिव ऑयल
इसमें हेल्दी फैट्स होते हैं। बैड फैट्स से बचने और हेल्दी हार्ट के लिए इसे आज ही अपनी डाइट में शामिल करें।

► टीवी से दुश्मनी
कोई न कोई शो सबको पसंद होता है। लेकिन अगर आप हफ्ते में कम से कम पांच घंटे टीवी देखते हैं और सोफे में ही चिपके रहते हैं , तो आप सोच सकते हैं कि आपके हेल्थ की क्या हालत होगी। हालत ठीक नहीं होगी , तो नैचरल आप भी फिट नहीं रह सकते।

साबुत अनाज खाइए। अंकुरित दालें हेल्थी रहने के लिए बेहतर ऑप्शन है। हेल्थ ठीक रहेगी , तो आप लंबे समय तक यंग बने रह पाएंगे। हर रोज बादाम खाने की आदत डालिए। बादाम में विटामिन, मिनरल और एंटी-एजिंग फैट्स होते हैं और इसे खाने से भूख भी चली जाती है। भूख से ज़्यादा कभी ना खाएं।

►  सुबह जल्दी उठे
रोजाना सुबह जल्दी उठने के अनेक फायदे हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों में ऋषि-मुनियों ने कहा है सुबह जल्दी उठने से कई बीमारियां दूर रहती है व शरीर सेहतमंद रहता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आप लंबी उम्र तक स्वस्थ रहें व ताउम्र जवान दिखाई दें तो रोजाना सुबह जल्दी उठने की तो आदत डालें ही साथ ही कुछ देर योगा या प्राणायाम भी जरूर करें।

► समुचित व्यायाम
जवानी को बचाने के लिए सबसे पहले हमें जरूरत है कि हम थोड़ा शारीरिक श्रम भी अवश्य करें। विलासिता भरे जीवन में आलस्य बढ़ता जा रहा है। शारीरिक श्रम का मतलब है योगा और घुमना-फिरना इत्यादि। योगा हमारे शरीर को हमेशा चुस्त और तंदुरुस्त रखता है। चेहरे पर चमक बनी रहती है। झुर्रियां नहीं आती है।

► जंक-फुड से बचें
ऐसे खाने से बचें जो हमारे शरीर में अत्यधिक वसा पहुंचा देता है। ज्यादा से हरी सब्जियों का सेवन करें। संभव हो तो जंक फूड और नॉनवेज को बंद कर दें। इस तरह के खाने से शरीर में चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होती जाती है। कोई भी बीमारी जल्द ही आपको प्रभावित कर लेती है।

► तांबे के बर्तन में पानी पीये
रोजाना रात को अपने सिरहाने एक तांबे के लोटे या तांबे के किसी दूसरे बर्तन में पानी भरकर जरूर रखें। सुबह जब नींद खुले तो सबसे पहले तांबे के लोटे या ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीएं। ऐसा करने से पेट साफ रहता है। गैस व एसिडिटी की शिकायत नहीं होती है साथ ही स्किन भी ग्लो करने लगती है।

► ज्यादा पानी पीयें
त्वचा की झुर्रियां बुढापे का प्रमुख लक्षण होता है। दिन भर में 4 लीटर पानी पीना इसका कारगर उपचार है। अधिक पानी पीने से शरीर के अन्य कई रोग दूर होते हैं।

आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए आंवले के छलनी में घीस ले, फिर उसमे आंवलो की आवश्यकतानुसार चीनी मिला ले, अब इसको धीमी आंच पर गर्म कर ले. अब इसमें से ढेढ़ तार की चासनी निकल ले. अब इसमें इलायची व् केसर डालकर अच्छी तरह मिला कर कांच की बोतल में डाल ले. इस तैयार मुरब्बे के आपको अनेको लाभ मिलेंगे.

► कोकोआ से बनी चॉकलेट
70 फीसदी से अधिक कोकोआ की मात्रा वाले चॉकलेट में काफी प्रोटीन और विटामिन बी होता है। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से शरीर में फैट बर्न होता है जिससे आपकी त्वचा और आपके बाल बेहतर होते हैं।

► पिएं तांबे के बर्तन से पानी
रोजाना रात को अपने पास एक तांबे के लोटे या तांबे के किसी दूसरे बर्तन में पानी भरकर जरूर रखें। सुबह जब नींद खुले तो सबसे पहले तांबे के लोटे या तांबे के बर्तन में रखा पानी पीएं। ऐसा करने से पेट साफ रहता है। गैस व एसिडिटी की शिकायत नहीं होती है साथ ही स्किन भी ग्लो करने लगती है।

► खाने के साथ न करें पानी का सेवन
खाना खाने से एक घंटा पहले व एक घंटे बाद पानी न पीएं। भोजन के साथ-साथ पानी पीने की आदत छोड़ दें। भोजन से तुरंत पहले या तुरंत बाद में पानी पीने की आदत शरीर के लिए अच्छी नहीं होती है।

► कद्दू -
इसमें बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो झुर्रियों को आने से रोकता है, और आपको बनाए रखता है जवां।

► कि‍वी-
इसमें आपके लिए भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स हैं और विटामिन-सी भी। प्रतिदिन इसका सेवन आपको जवां बनाए रखेगा।

► डार्क चॉकलेट-
प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में डार्क चॉकलेट खाना, न केवल आपको जवां बनाए रखने में सहायक है बल्‍कि सूरज की हानिकारक किरणों से भी आपकी त्वचा को बचाता है।

► जैतून-
जैतून के तेल काे खाएं या त्वचा पर लगाएं। यह हर तरह से आपको जवां बनाए रखने में कारगर है। एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई से भरा जैतून आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

खूबसूरत और जवान दिखने के लिए अपनी जीवनशैली में नियमितता बनाएं रखना जरूरी है। समय पर भोजन, थोडा व्यायाम और अच्छी नींद त्वचा के लिए बहुत जरूरी है। तनाव का शरीर पर गहरा असर पडता है। तनाव को दूर करने के लिए रोजाना योग क्रियाएं करनी चाहिए। अपने भोजन में नींबू और मलाई निकला दूध अवश्य लें।

  
► चमकदार त्वचा :
इस उम्र में त्वचा में डिहाइड्रेशन अधिक होता है। इस वजह से त्वचा नमीं खो देती है। इसके लिए नहाने से पहले जैतून या बादाम के तेल की मालिश करनी चाहिए। नहाते समय बाथ टब या शावर का उपयोग करें। ऎसा करने से त्वचा पानी को एब्जार्ब करती है और रीहाइड्रेट हो जाएगी। त्वचा को कभी भी रगड कर नहीं पोंछना चाहिए। ताकि पूरा पानी न सूखे। इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी। सिंथेटिक वस्त्रों का इस्तेमाल कम करें। सप्ताह में एक बार पैडिक्योर और मैनीक्योर अवश्य करें।

► खानपान :
त्वचा को खूबसूरत बनाएं रखने के लिए ताजे व रसीले फलों का नियमित रूप से सेवन करें। फलों का रस पीने की जगह आप फलों का ही सेवन करें। इससे पाचनतंत्र ठीक रहेगा। सप्ताह में दो बार 2 चम्मच शहद, 15 से 20 बूंदे नींबू का रस, घी व 1 चम्मच ओटमील डाल कर पेस्ट की तरह चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे के बाद गुनगुने पानी से धो लें।

► अन्य उपाय :
क्रीम या लोशन को चेहरे के साथ हाथों और गर्दन पर लगाएं। सप्ताह में एक बार मिल्क बाथ जरूर लें। नहाते समय एक बाल्टी पानी में 1 कप दूध या एक चम्मच मिल्क पाउडर डाले। साथ ही इसमें कुछ बूंदे चंदन के तेल और परफ्यूम की डालकर नहाएं। इससे त्वचा चमकदार बनेगी। उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप अपनी बढती उम्र को ठहराव दे सकते हैं और ढलती उम्र में भी आप जवान और खूबसूरत दिख सकती हैं।

 
► चुकंदर
चुकंदर में बीटाकैनिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो रक्त को शुद्ध करने का काम करता है। इसके अलावा यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

► मशरूम
मशरूम में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और इसमें विटामिन-ई के साथ ही सेलेनियम भी पाया जाता है, जो दिल की बीमारियों से बचाने के साथ ही त्वचा को भी स्वस्थ बनाए रखता है।

► काबुली चना
काबुली चने में मौजूद प्रोटीन्स, दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही यह आपकी त्वचा और बालों को भी स्वस्थ बनाए रखते हैं।

  
ब्रॉकली फाइबर्स और विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत हैं। इससे न केवल वजन नियंत्रण में रहता है बल्कि दिल की बीमारियों से लड़ने में भी मदद मिलती है।

► अलसी
अलसी में ओमेगा फ़ेट्टी एसीड प्रचुरता से पाया जाता है। मछली न खाने वालों के लिये यह बेहतरीन विकल्प है। अलसी के बीज लेकर मिक्सर या ग्राईंडर में चलाकर दर दरा चूर्ण बनालें। थोड़ा चूर्ण पानी के साथ रोज सुबह सेवन करें। लंबे समय तक जवान बने रहने का यह बहुत आसान उपाय है।

► शारीरिक श्रम भी
जवानी को बचाने के लिए सबसे पहले हमें जरूरत है कि हम थोड़ा शारीरिक श्रम भी अवश्य करें। विलासिता भरे जीवन में आलस्य बढ़ता जा रहा है। शारीरिक श्रम का मतलब है योगा और घुमना-फिरना इत्यादि। योगा हमारे शरीर को हमेशा चुस्त और तंदुरुस्त रखता है। चेहरे पर चमक बनी रहती है। झुर्रियां नहीं आती है। त्वचा आकर्षक रहती है। ऐसे कई आसन हैं जिनके अभ्यास से कम समय में ही आपको ताजगी का अहसास होने लगेगा। हमारी दिनचर्या में भी सुधार कर शरीर के आराम का भी *त्वचा की झुर्रियां बुढापे का प्रमुख लक्षण होता है। दिन भर में ४ लीटर पानी पीना इसका कारगर उपचार है। अधिक पानी पीने से शरीर के अन्य कई रोग दूर होते हैं।

 
► मेंटल कंडिशन
आपको यंग बनाए रखने में मेंटल कंडिशन का रोल अहम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सारा दिन क्रॉसवर्ड और पजल्स में उलझें रहें। न्यूरोसाइंटिस्ट और कॉग्निटिव एजिंग स्पेशलिस्ट डॉ . एडम गैजली का कहना है कि 60 की उम्र के बाद भी अगर आप ट्रैवलिंग और नई लैंग्वेज सीखने को इंजॉय करते हैं, तो मेंटली फिट रहते हैं।

  
► तांबे के लोटे
रोजाना रात को अपने सिरहाने एक तांबे के लोटे या तांबे के किसी दूसरे बर्तन में पानी भरकर जरूर रखें। सुबह जब नींद खुले तो सबसे पहले तांबे के लोटे या ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीएं। ऐसा करने से पेट साफ रहता है। गैस व एसिडिटी की शिकायत नहीं होती है साथ ही स्किन भी ग्लो करने लगती है।

   
► शुगर है , तो
अगर आपको शुगर है , तो उसे एक्सरसाइज और डाइट से कंट्रोल करके चलें। अगर शुगर का बैलेंस नहीं रह पाता है , तो इसका सीधा असर आपकी उम्र पर पड़ता है।

 
► पानी न पीएं।
खाना् -खाने से एक घंटा पहले व एक घंटे बाद पानी न पीएं। भोजन के साथ-साथ पानी पीने की आदत छोड़ दें। भोजन से तुरंत पहले या तुरंत बाद में पानी पीने की आदत शरीर के लिए अच्छी नहीं होती है। ऐसा करने से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है इसीलिए हमेशा यंग दिखने के लिए दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी जरुर पीएं व खाने के एक घंटा पहले व एक घंटा बाद पानी पीने से बचें।


कितने घंटे सोया जाए , यह हर इंसान के लिए अलग हो सकता है। लेकिन 6 से 8 घंटे की नींद सबके लिए जरूरी है। लेकिन दिनभर खर्राटे भरना भी ठीक नहीं है। क्योंकि रिसर्च के बाद यह भी साबित हो गया कि ज्यादा सोने से उम्र घटती है।

 
► छोटे-छोटे चेंज
खाने की चीज़ों के अलावा आपको ज़रूरत हे अपनी लाइफ में छोटे-छोटे चेंज लाने की। आइए बताती हूँ क्या होने चाहियें वो बदलाव...aage bade


► क्रोध करने और मानसिक चिंता
क्रोध करने और मानसिक चिंता से समय से पहिले ही त्वचा पर झुर्रिया आने लगती हैं। दिमागी तनाव से हमारे शरीर में एक रासायनिक प्रक्रिया उत्पन्न होती है जिससे कोर्टिसोल उत्पन्न होता है जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है।


► खान-पान
खान-पान के संबंध में ऐसे खाने से बचें जो हमारे शरीर में अत्यधिक वसा पहुंचा देता है। ज्यादा से हरी सब्जियों का सेवन करें। संभव हो तो जंक फूड और नॉनवेज को बंद कर दें। इस तरह के खाने से शरीर में चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होती जाती है। कोई भी बीमारी जल्द ही आपको प्रभावित कर लेती है। सात्विक खाना खाएं और योगासन करें आपकी जवानी लंबे समय तक बनी रहेगी।


► साबुत अनाज खाइए
अंकुरित दालें हेल्थी रहने के लिए बेहतर ऑप्शन है। हेल्थ ठीक रहेगी , तो आप लंबे समय तक यंग बने रह पाएंगे। हर रोज बादाम खाने की आदत डालिए। बादाम में विटामिन, मिनरल और एंटी-एजिंग फैट्स होते हैं और इसे खाने से भूख भी चली जाती है। भूख से ज़्यादा कभी ना खाएं।


► लहसुन का नुस्खा
शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। फिर थोड़ा-सा पानी पिएं। ऐसा नियमित रूप से करें। इस नुस्खे के नियमित प्रयोग से कमजोरी की शिकायत में राहत मिलती है।


               नमस्कऻर दोस्तो